हनुमान जी लंका दहन के बाद अपनी पूंछ की आग बुझाने कहाँ पहुंचे थे जानना चाहते है तो इस video को देखे
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सूर्य की बदलेगी चाल, इन 5 राशि वालों की बदल जाएगी किस्मत! धन की होगी वर्षा
सूर्य के राशि परिवर्तन से वृषभ,मिथुन,तुला,वृश्चिक और धनु राशि के लोगों के अच्छे दिन आएंगे. इन राशि वालों के सभी बिगड़े काम सूर्य बनाएंगे.आइये जानते है सूर्य का राशि परिवर्तन इन राशि वालों को कितना फायदा पहुंचाएगा.
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Janmashtami 2023: When will Janmashtami be celebrated on 6th or 7th September
Janmashtami 2023: 6 या 7 सितंबर कब होगा जन्माष्टमी मनाना शुभ वर्षो बाद मिला पूजा का ये दुर्लभ योग मनोकामना होंगी पूरी
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यदि आप रक्षाबंधन raksha bandhan मनाने को लेकर तारीख को सोच रहे है तो ये Video एक बार जरूर देखे
30 अगस्त २०२३ को पूर्णिमा प्रातः 10:58 से शुरू होगी साथ ही भद्र भी लग जाएगी जिसका समापन रात्रि 9:01 पर होगा अतः लोकाचार्य के तहत रात्रि में रक्षाबंधन जैसे त्योहार नहीं मनाए जाते।
ऐसे में निर्णय सिंधू कहता है कि भगवान ‘सूर्य’ जिस तिथि को प्राप्त कर उदय होते है। वह तिथि स्नान-दान आदि कृत्यों में उचित है। यदि अस्त समय में भगवान ‘सूर्य’ दस घटी पर्यन्त रहते है, तो वह तिथि रात-दिन समझनी चहिये। अगले दिन 31 अगस्त गुरुवार को सूर्योदय प्रात 05 : 58 : 27 बजे हो रहा और पूर्णिमा प्रात 07:05:25 बजे तक रहेगी इसलिए रक्षाबंधन 07:05 से पहले मना लिया जाए तो उत्तम होगा। स्थान के अनुसार समय में कुछ अंतर आ सकता है |
दिन और तिथि में फर्क :-
“एक होता है दिन और एक होती है तिथि”। दिन का निर्धारण सूर्य की गति पर आधारित है और तिथि का निर्धारण चंद्र की गति पर आधारित है। जब हम हिन्दू पंचांग की बात करते हैं तो उसमें दिन, तिथि, नक्षत्र, करण और योग का समावेश करके ही किसी व्रत, त्योहार या मंगल कार्य का निर्धारण करते हैं। दिन को आप यहां वार समझे।
तिथि का संबंध चंद्र की गति से होता है जो घटती और बढ़ती रहती है। दिन का संबंध सूर्य से होता है। ज्योतिषानुसार सूर्योदय से अगले दिन के सूर्योदय के बीच के काल को दिन कहते हैं जिसमें लगभग 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है।
चित्रः केतुः प्रभानाभान्त् संभान् ।
ज्योतिष्मंस्-तेजस्वानातपंस्-तपन्न्-अभितपन् ।
रोचनो रोचमानः शोभनः शोभमानः कल्याणः ।
दर्शा दृष्टा दर्शता विष्वरूपा सुर्दर्शना ।
आप्य्-आयमाणाप्यायमानाप्याया सु-नृतेरा ।
आपूर्यमाणा पूर्यमाणा पूर्यन्ती पूर्णा पौर्णमासी ।
दाता प्रदाताऽनन्दो मोदः प्रमोदः ॥ १०.१.१ ॥
शतपथ ब्राह्मण में एक दिन के पन्द्रहवें भाग
(१/१५) को 'मुहूर्त' की संज्ञा दी गयी है।
मुहूर्त को लेकर मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त पारिजात, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि शास्त्र हैं। इसमें मुहूर्त के बारे में विस्तार से बताया गया है। दिन और रात को मिलाकर कुल 30 मुहूर्त होते हैं।
[1] 'श्रेष्ठ दिन' :- दिन और रात में दिन श्रेष्ठ है। वैदिक नियम अनुसार हर तरह का मंगल कार्य दिन में ही किया जाना चाहिए। अंतिम संस्कार और उसके बाद के क्रियाकर्म भी दिन में ही किए जाते हैं।
[2] 'मुहूर्तों के नाम' :- एक मुहूर्त 2 घड़ी अर्थात 48 मिनट के बराबर होता है। 24 घंटे में 1440 मिनट होते हैं। मुहूर्त सुबह 6 बजे से शुरू होता है:- रुद्र, आहि, मित्र, पितॄ, वसु, वाराह, विश्वेदेवा, विधि, सतमुखी, पुरुहूत, वाहिनी, नक्तनकरा, वरुण, अर्यमा, भग,गिरीश, अजपाद, अहिर, बुध्न्य, पुष्य, अश्विनी, यम, अग्नि, विधातॄ, क्ण्ड, अदिति जीव/अमृत, विष्णु, युमिगद्युति, ब्रह्म और समुद्रम।
*रुद्र में सभी प्रकार के मारणादि प्रयोग, भयंकर एवं क्रूर कार्य।
*श्वेत में नए वस्त्र धारण, बगीचा लगाना, कृषि कार्यो का आरंभ आदि या इसी तरह के अन्य कार्य करना चाहिए।
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Shiv Puja: सावन में भोलेनाथ को शमी पत्र चढ़ाने का धार्मिक महत्व और इससे जुडी कथा @akshayjamdagni
सावन माह के किसी भी दिन शमी चढ़ा सकते है। लेकिन सावन सोमवार पर शमी की पत्तियां चढ़ाने का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्योदय में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्न्नान कर लें। इसके बाद शिव मंदिर में जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। इसके बाद कांसे, ताबे या फिर पीतल के लोटे में जल में थोड़ा सा गंगाजल, सफेद चंदन,चावल आदि मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें। अभिषेक करते समय 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का उच्चारण करें। जब अभिषेक कर लें, तब शिव जी को बिल्व पत्र, सफेद वस्त्र, जनेऊ, चावल, प्रसाद के साथ शमी के पत्ते भी अर्पित करें। शमी के पत्ते अर्पित करते समय इस मंत्र का उच्चारण करना शुभ होगा।
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Surgical Science | क्या आपको पता है कैसे विदेशियों ने चुराया भारत का 3000 साल पुराना सर्जिकल विज्ञान
भारत के वाराणसी शहर में लगभग 2800 साल पहले 800 बीसी में जन्मे महान संत सुश्रुत जी ने उस समय ऐसे हैरान करने वाले क्रियाविधि की थी जो आज भी लोगों को चौंका देती है। जैसे की दिमाग की सर्जरी, मोतियाबिंद सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और अन्य कई और तरह के सर्जरीज़, मानव शरीर रचना को समझने के लिए वे कई बार मृत शरीर को डीकंपोज होने के लिए तालाब में छोड़ देते थे। #medical #medicine #doctor #medicalschool #medstudent #medico #india #surgery #medicalstudent #plasticsurgeon #plasticsurgery #oman #muscat #mbbs #health #doctors #surgeon #kerala #hospital #omani #medicalstudents #medschool #drsunilrichardson #college #medic #neet #photography #usmlestep1 #medicos #akshayjamdagni
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19 साल बाद सावन मास लाया है भक्तों के लिए कावड़ यात्रा का ऐसा संयोग जो तार देगा आप के पितरो को भो
० सूर्य के लिये अर्क अर्थात आक समिधा का प्रयोग करे |
«चंद्र के लिए पलाश ( खाखरा) की समिधा का प्रयोग करे |
०" मंगल के लिए खदिर ( खेर ) की समिधा का प्रयोग करे |
० बुध के लिए अपामार्ग की समिधा का प्रयोग करे |
० युरु अर्थात बृहस्पति के लिए पीपल की समिधा का प्रयोग करे |
०. शुक्र के लिए औदुम्बर (गूलर) की समिधा का प्रयोग करे |
« थनि के लिए शमी (खिजड़ा ) की समिधा का प्रयोग करे |
० राहु के लिए दूर्वा का प्रयोग करे |
० केतु के लिए कुशा अर्थात दर्भा का प्रयोग करे |
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Guru Pradosh Vrat 2023: गुरु प्रदोष व्रत पर महासंयोग पर ये उपाय करेंगे हर मनोकामना होगी पूरी
Guru Pradosh Vrat 2023: गुरु प्रदोष व्रत पर महासंयोग पर ये उपाय करेंगे हर मनोकामना होगी पूरी
गुरु प्रदोष व्रत एक हिंदू व्रत है जो हर मासिक पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की प्रदोष काल में मनाया जाता है। इस व्रत को गुरु ग्रह (बृहस्पति) के आशीर्वाद का उपासना करने के लिए किया जाता है।
यदि आप गुरु प्रदोष व्रत का महासयोग करने के बारे में बात कर रहे हैं, तो ऐसा कोई विशेष व्रत योग नहीं है जिसके कारण मनोकामनाएं पूरी होंगी। व्रतों का मतलब होता है आत्मदेवता की उपासना और शुद्धता के साथ भगवान की कृपा की प्राप्ति करना। व्रत के माध्यम से हम आत्मिक विकास करते हैं और ध्यान के माध्यम से अपने चित्त को शुद्ध करते हैं। इसके द्वारा हम ईश्वरीय आनंद और शांति का अनुभव कर सकते हैं।
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए व्यक्ति को निश्चित प्रयासों और संघर्ष की आवश्यकता होती है, जो कि अवश्य ही विशिष्ट स्थितियों, कार्यों और कर्मों के माध्यम से होती है। यह सीधे गुरु प्रदोष व्रत या किसी अन्य व्रत के द्वारा नहीं हो सकता है।
गुरु प्रदोष व्रत को वैदिक परंपरा में मान्यता है और इसे पूरे विश्व में हिन्दू धर्म के अनुयायी मनाते हैं। यह व्रत गुरुवार को आते हैं जब सूर्यास्त के पश्चात् होता है। इस दिन गुरु (बृहस्पति ग्रह) की पूजा और अर्चना की जाती है तथा इस व्रत के करने से मान्यता है कि मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
प्रदोष व्रत के उपाय
व्यापार के लिए करें ये उपाय- मिट्टी के तीन दीपक में पीली सरसों के दाने, तिल, साबुत नमक और साबुत धनिया मिलाकर अपने व्यापार
स्थल पर रख दें. इससे व्यापार में वृद्धि होने लगेगी .
छात्रों के लिए उपाय- लाल मिर्च के बीज निकालकर इन्हें जल में मिलाएं. दिन में किसी भी समय इस जल को सूर्य को अर्पित करें. डिप्रेशन
की समस्या में निजात मिलेगा.
क्लेश दूर करने के लिए उपाय- इस दिन महादेव को दही और शहद मिश्रित भोग अर्पित करें. माना जाता है कि ऐसा करने से पारिवारिक
जीवन में आ रहे क्लेश दूर हो जाते हैं.
शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए- शिव जी को गंगाजल से साफ किया गया शमी पत्र अर्पित करना चाहिए. साथ ही वहां बैठकर 'उँ नमः
शिवाय' का जाप करें.
प्रदोष व्रत के दिन शिव मंदिर में नारियल का दान करना चाहिए और भगवान शिव से अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए.
प्रदोष व्रत के दिन संध्या के समय शिव मन्दिर में दो दीप प्रज्वलित करना चाहिए. ऐसा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और उन्हें
राहत मिलती है.
गुरु प्रदोष व्रत एक हिंदू व्रत है जो हर मासिक पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की प्रदोष काल में मनाया जाता है। इस व्रत को गुरु ग्रह (बृहस्पति) के आशीर्वाद का उपासना करने के लिए किया जाता है।
यदि आप गुरु प्रदोष व्रत का महासयोग करने के बारे में बात कर रहे हैं, तो ऐसा कोई विशेष व्रत योग नहीं है जिसके कारण मनोकामनाएं पूरी होंगी। व्रतों का मतलब होता है आत्मदेवता की उपासना और शुद्धता के साथ भगवान की कृपा की प्राप्ति करना। व्रत के माध्यम से हम आत्मिक विकास करते हैं और ध्यान के माध्यम से अपने चित्त को शुद्ध करते हैं। इसके द्वारा हम ईश्वरीय आनंद और शांति का अनुभव कर सकते हैं।
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए व्यक्ति को निश्चित प्रयासों और संघर्ष की आवश्यकता होती है, जो कि अवश्य ही विशिष्ट स्थितियों, कार्यों और कर्मों के माध्यम से होती है। यह सीधे गुरु प्रदोष व्रत या किसी अन्य व्रत के द्वारा नहीं हो सकता है।
गुरु प्रदोष व्रत को वैदिक परंपरा में मान्यता है और इसे पूरे विश्व में हिन्दू धर्म के अनुयायी मनाते हैं। यह व्रत गुरुवार को आते हैं जब सूर्यास्त के पश्चात् होता है। इस दिन गुरु (बृहस्पति ग्रह) की पूजा और अर्चना की जाती है तथा इस व्रत के करने से मान्यता है कि मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
प्रदोष व्रत के उपाय
व्यापार के लिए करें ये उपाय- मिट्टी के तीन दीपक में पीली सरसों के दाने, तिल, साबुत नमक और साबुत धनिया मिलाकर अपने व्यापार
स्थल पर रख दें. इससे व्यापार में वृद्धि होने लगेगी .
छात्रों के लिए उपाय- लाल मिर्च के बीज निकालकर इन्हें जल में मिलाएं. दिन में किसी भी समय इस जल को सूर्य को अर्पित करें. डिप्रेशन
की समस्या में निजात मिलेगा.
क्लेश दूर करने के लिए उपाय- इस दिन महादेव को दही और शहद मिश्रित भोग अर्पित करें. माना जाता है कि ऐसा करने से पारिवारिक
जीवन में आ रहे क्लेश दूर हो जाते हैं.
शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए- शिव जी को गंगाजल से साफ किया गया शमी पत्र अर्पित करना चाहिए. साथ ही वहां बैठकर 'उँ नमः
शिवाय' का जाप करें.
प्रदोष व्रत के दिन शिव मंदिर में नारियल का दान करना चाहिए और भगवान शिव से अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए.
प्रदोष व्रत के दिन संध्या के समय शिव मन्दिर में दो दीप प्रज्वलित करना चाहिए. ऐसा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और उन्हें
राहत मिलती है.
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Bharat के अलौकिक तेज लिए नए संसद भवन की ईमारत के भव्यता लिए हुए अलौकिक दृश्य
भारत के अलौकिक तेज लिए नए संसद भवन की ईमारत के भव्यता लिए हुए अलौकिक दृश्य | Supernatural views of the grandeur of the building of the new Parliament House of India
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Ganga Dashahara 2023: बेहद शुभ संयोग में गंगा दशहरा पर इन मंत्रों के जाप से कुंडली के ग्रह दोष
Ganga Dashahara 2023:-
गंगा दशहरा के दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ, मंत्र जाप करें. इससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी. गंगा जी से जुड़े कुछ खास मंत्र, जिनका गंगा दशहरे के दिन जाप करना बहुत लाभ देगा
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PM Modi inaugurated the new Parliament House इन 5 योगों के विशेष संयोग में किया
इस समय सिंह लग्न और सिंह राशि चल रही है। सिंह राशि को स्थिर लग्न, सबसे मजबूत और शुभ मुहूर्त माना जाता है। स्थिर लग्न में किया गया अनुष्ठान चिरकाल पर्यंत स्थिरता प्रदान करता है।
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Bada Mangal 2023: आखिरी बड़ा मंगल बना देगा आप के रुके काम जानें पूजा विधि
अगर आप अभी तक महाबली हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ और फलदायी माने जाने वाले बड़ा मंगल का व्रत या उसकी पूजा नहीं कर पाए हैं तो आप जेठ महीने के आखिरी मंगल पर इस उपाय को करके मनचाहा आशीर्वाद पा सकते हैं.
Last Bada mangal 2022: कब पड़ेगा जेठ महीने का आखिरी बड़ा मंगल, जानें पूजा विधि और धार्मिक महत्व आखिरी बड़ा मंगल 2023
Bada Mangal 2023: इस साल का आखिरी बड़ा मंगल 30 मई 2023 को पड़ेगा. ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं. हनुमान जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए बड़ा मंगल विशेष होता है.
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Sankashti Chaturthi व्रत कष्टों का निवारण करने वाली ,पूजा का मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
संकष्टी चतुर्थी तिथि 8 मई, सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान गणेश के लिए व्रत रखा जाता है. संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने गणपति सारे कष्ट, दुख दूर कर देते हैं और जीवन को खुशियों से भर देते हैं.
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12 साल बाद चतुर्ग्रही योग में साल का पहला चंद्र ग्रहण इन चारों राशियों के लिए अशुभ रहेगा
दुनिया भर के कई देश चंद्रग्रहण को देख सकेंगे, लेकिन भारत इसे नहीं देख पाएगा। इस स्थिति में भी सूतक नहीं लगेगा। हालांकि, राशियों और लग्न पर ग्रहण का प्रभाव अवश्य पड़ेगा। इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतें।
आंशिक चंद्र ग्रहण, पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण और पूर्ण चंद्र ग्रहण ग्रहण के तीन अलग-अलग रूप हैं। आंशिक चंद्रग्रहण के दौरान उपछाया चंद्र ग्रहण के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता है क्योंकि कुछ चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। कुल चंद्र ग्रहण, हालांकि, चंद्रमा के आकार में बदलाव के परिणामस्वरूप होता है।
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Akshaya Tritiya | जाने क्या है अक्षय तृतीया का महत्व करे ये सरल उपाए बनेगे रुके हुए काम
तृतीया तिथि को पार्वती जी ने अमोघ फल देने की सामर्थ्य का आशीर्वाद दिया था। उस आशीर्वाद के प्रभाव से इस तिथि को किया गया कोई भी कार्य निष्फल नहीं होता। व्यापार आरम्भ, गृह प्रवेश, वैवाहिक कार्य, सकाम अनुष्ठान, दान-पुण्य, पूजा-पाठ अक्षय रहता है अर्थात वह कभी नष्ट नहीं होता।
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Solar Eclipse: ग्रहण काल पर सुतक लगने या ना लगने वाले प्रश्न का ना मिलने वाला उत्तर
अक्सर लोगों को यह दुविधा होती है कि ग्रहण होने पर भारत में या कहीं भी सूतक लगेगा या नहीं लगेगा भारत में दिखाई देगा अथवा नहीं दिखाई देगा l आज हम आपके सामने इसी प्रश्न का उत्तर लेकर उपस्थित हुए हैं हमारे ब्रह्मांड में सभी ग्रह एक ही है सूर्य देव और चंद्र देव भी एक ही हैं जिन पर अक्सर ग्रहण लगते हैं इसका कारण है सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी का आ जाना| या तो चंद्रमा पर ग्रहण लगेगा या फिर सूर्य पर ग्रहण लगेगा जब हमारे ब्रह्मांड में सूर्य और चंद्रमा एक ही हैं तो उनके ग्रहण का असर भी पूरे विश्व पर एक साथ ही होगा| क्योंकि यह एक खगोलीय घटना है ना कि मानव द्वारा कृत, चाहे कहीं कोई ग्रहण दिखाई दे या ना दिखाई दे सूतक काल हमेशा माना जाता है | अतः हमें ग्रहण के सभी नियमों का पालन करना चाहिए चाहे वह भारत में हो या ना हो| पूरे विश्व में कोई भी ग्रहण एक निश्चित लग्न, राशि और नक्षत्र पर से हो कर लगता है, और ये सभी पूरे विश्व मर एक ही होते हैं |
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SCORPIO कार MAHINDRA & MAHINDRA के लिए बनी मील का पत्थर
SCORPIO कार केसे बन गई MAHINDRA & MAHINDRA के लिए मील का पत्थर सोचते है ज्योतिष के अनुसार
हम भारतीय हिंदी में जो लिखते है , वही बोलते भी है जिसमे हमारे जीभ से निकलने वाले अक्षर बही ध्वनि उत्पन्न करता है | जिससे जो कम्प्पन होता है वही उर्जा भी उत्पन्न करता है | जिसका हमारे शरीर और हमारे आसपास के वातावरण पर भी असर होता है | जिसको Medical और Science भी मानता है | आप इस लिंक को भी देख सकते है | https://www.youtube.com/watch?v=dW1uUF7JAyw&t=113s
Medical Research proves the power of Mahamrityunjay mantra even when done Long Distance, नाम व्यक्ति को ही नहीं उसके व्यापर को भी नया मोड़ दे सकता है | https://www.jyotishwithakshayg.com/2023/03/mano-ya-na-mano-the-secret-of-akshay-kumar-success-hidden-in-birth-date-numbers.html #motivation #name
Consultant Astrologer and Vaastu expert
Akshay Jamdagni
Make Your Future Satisfactory with Planets 30 years’ Experience in Vedic Jyotish, Vastu, and Numerology, Lucky Unlucky Phone no-etc,
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साल का पहला सूर्य ग्रहण कब और कहां दिखेगा जानिए भारत में सूतक मान्य है या नहीं
साल के पहले सूर्य ग्रहण का समय:-
साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023, दिन गुरुवार को लगने जा रहा है। वैज्ञानिक नजरिए से सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण लगने के कुछ घंटे पहले से सूतक लग जाते हैं। इस साल का सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिस कारण लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहीं।
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अगर आप अपने किसी भी उद्योग का नाम रखने जा रहे तो ये विडियो देखना न भूले
अगर आप अपने किसी भी उद्योग का नाम रखने जा रहे तो ये विडियो देखना न भूले
नाम का पहला अक्षर व्यक्ति की मानसिकता के बारे मे अपनी भावना को व्यक्त करता है और नाम का दूसरा तीसरा चौथा पांचवा अक्षर व्यक्ति के कार्य के बारे मे अपनी भावना को प्रस्तुत करते है तथा नाम का आखिरी अक्षर व्यक्ति के आखिरी समय की गति की भावना को प्रस्तुत करता है।
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आप जानकर चोंक जायेंगे 108 का रहस्य, हमारे सांसो की गति से अनोखा संबंध
आप जानकर चोंक जायेंगे 108 का रहस्य, हमारे सांसो की गति से अनोखा संबंध
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क्यों कहा जाता है भगवान विष्णु को ‘नारायण’, जाने रहस्य
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